तेरी गली से निकले थे कभी अरमान सजाकर,
अब वही गली है जहाँ दर्द की दुकान है।
जो इश्क़ हमसे रोशनी का वादा करता था,
आज उसी मोहब्बत से जलने की पहचान है।
मेरी रूह पर लिखे गए हैं तेरे सितम के अफसाने,
हर ज़ख़्म के नीचे दबी कोई दास्तान है।
इश्क़ ने हमें जिंदा दफ्न कर दिया था,
अब हमारी कब्र पर बिछी तेरी मुस्कान है।
कहते हैं मोहब्बत जन्नत की राह दिखाती है,
पर हमने जब चाहा, बस आग ही आग है।