हरियाली की थाली में, सुख का स्वाद समाया है,
जीवन की इस राह में, करुणा का दीप जलाया है।
नहीं किसी की पीड़ा है, न कोई रक्त बहाता है,
शाकाहारी जीवन में, बस प्रेम ही मुस्काता है।
फल-फूल, दालें, अन्न, ये धरती का आशीष हैं,
प्रकृति के इन उपहारों में, छिपे अनगिनती विश्लेष हैं।
जीवों के प्रति संवेदना, जब मन में जाग उठे,
तभी तो सच्चे मानव की पहचान स्पष्ट हो उठे।
न हत्या, न हिंसा हो, न क्रूरता का हो व्यवहार,
शाकाहार सिखाता है, करुणा का सतत उपहार।
तन स्वस्थ, मन निर्मल, और आत्मा भी शांत रहे,
शाकाहारी जीवन से हर दिन नव संगीत बहे।
चलो अपनाएं इस पथ को, सादगी में गहराई है,
शाकाहार है वह जीवन, जिसमें सच्ची भलाई है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




