दरो दीवार पर क्या कुछ लिखा है सामने
वक्त की शान में कसीदा पढ़ा है आपने
नाम छोटा सा मगर ओहदा भारी भरकम
डिग्रियों के साथ में रुतबा पढ़ा है आपने
हैं शहर के नामवर और यहाँ की जान भी
इनके घर शीशे के हैं सच पढ़ा है आपने
कागजी कुछ शेर भी देखें बहुत करीब से
रात को चूहे से लगता डर पढ़ा है आपने
खूब किस्मत से मिले आप जैसे नाजरीन
दास कैसे बात कहता गर पढ़ा है आपने