बाजूबंद री गोरी रे कलाइयां में चूड़ी खनकीं,
पैरा चमके,
आसमां के बादलों में जैसे बिजली चमके,
घुंघरू टूटेंगे,
पायल छिटके,
गाना बजाना जब हो जम जम के,
हिवड़ो धड़के,
जब सजना को नाम मेंहदी में चमके,
साँची साँची कह दे,
साथ निभाने को तेरा हर पल कह दे,
बाजुबंद री गोरी रे कलाइयां में चूड़ी खनकीं
- ललित दाधीच।।