इक बस तुम्हारी ही नजर में क्यूं वो सवाल है।
बाकी सारी ही दुनिया के लिए वो बेमिसाल है।।1।।
कभी जो वक्त मिले तो उससे भी बात करना।
बदल जाएगा सारा तुम्हारा जो भी ये ख्याल है।।2।।
पेट की भूख की खातिर करता है वो ये काम।
जादू नहीं है कोई भी उसके हाथों का कमाल है।।3।।
मिल जाता उसको भी सपनों का राज कुमार।
पर समझौता वह कर लेगी बाप उसका कंगाल है।।4।।
तासीर है बड़ी जाने क्या? उसकी आवाज में।
कदम चल पड़ते हैं खुद जैसे अज़ान ए बिलाल है।।5।।
किस्मत देखो उसकी है आज बड़े उरूज पे है।
सारी की सारी ये दुनियां अब उस पर निहाल है।।6।।
कोई कसर न छोड़ी थी जुलेखा ने तोहमत में।
पर यूसुफ की बेगुनाही में देखो एक नौनिहाल है।।7।।
उसको आदत है पीने कि मयखानें में बैठकर।
जैसे हर बच्चे की मस्ती को बस होती ननिहाल है।।8।।
बात-बात पे शमसीरों का चलना अच्छा नहीं।
मत हो परेशान यह तो बच्चों का सारा बवाल है।।9।।
पढ़ा जाएगा वह किताबों में मरने के बाद भी।
दुनिया के लिए बन गई उसकी हस्ती बेमिसाल है।।10।।
कहती थी यह दुनिया जिसे मौत का सौदागर।
आज उसके हाथों में देखो फरिश्तों सा कमाल है।।11।।
कदमों की आहट को सुनके चलना अंधेरे में।
कारवां है बड़ा पर किसी के हाथ में ना मशाल है।।12।।
तड़प होती है क्या रिश्तो की उसको नहीं पता।
जाता नहीं है मां से मिलने जानें कैसा वो लाल है।।13।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ