ये क्या-क्या शौक है तुम्हें मंजिल पाने का,
सारी सीढियां सफल होने के लिए चढ़ते हो,
कुछ सीढियां बचा कर रखते,
ताकि उतरते वक्त,
ये शहर जागा ना होता।
अच्छा इंसान बनों, अच्छा शब्द भी कहो
और अच्छे भी रहो,
लेकिन जब ऊपर नीचे अड़चनों में गति होगी तुम्हारी,
तो अच्छाई सवाल मत खड़े करना,
अच्छाई स्थिर है तो तुम भी स्थिर रहो।।
मौत भी बेगम बनी है,
कभी भी जिंदगी से शादी कर लेती है।।
समय किसी से प्रेम नहीं करता,
प्रेम स्थिरता लाता है,
मगर समय गति करता है
जब समय को ही समय के लिए समय नहीं,
तो प्रेम को समय कैसे देगा।।
किनारे से किनारा नहीं हो सकते,
किसी से मोहब्बत दुबारा नहीं कर सकते।।
- ललित दाधीच।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




