नौ महीने तक मुझे अपनी कोख में ह उठाया
अपने हिस्से का भी मुझको ह खिलाया
मेरी माँ ही मेरे दिल के बहुत पास है
जब तक ना देखु लगती नहीं भूख प्यास है
माँ शब्द मेरे लिए बहुत ख़ास है
ख़ुद गीले में सोकर मुझे सूखे में ह सुलाया
आज जो भी हूँ मेरी माँ ने मुझे बनाया
मेरी माँ को मुझसे बहुत आश है
माँ शब्द मेरे लिए बहुत ख़ास है
उतार नहीं सकता उनका ये कर्ज
आजीवन सेवा करूँ यही ह मेरा फर्ज
दुनिया की सबसे क़ीमती चीज़ मेरे पास है
माँ शब्द मेरे लिए बहुत ख़ास है
सब कुछ पाकर भी ह सब कुछ गवाया
जो जमीन के बदले माँ को छोड़ आया
मुझे कुछ नहीं चाइए यदि माँ मेरे पास है
माँ शब्द मेरे लिए बहुत ख़ास है
लग जाए उनको मेरी सारी उम्र
मेरी माँ को कर दे अमर अजर
यही मेरी ईश्वर से अरदास है
माँ शब्द मेरे लिए बहुत ख़ास है
✍️वि.पाल

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




