उनके जाने से भी, कुछ हासिल होने की बात है..
थक गए हैं तो, राहों के मंजिल होने की बात है..।
कुछ दलील भी काम आती, नजर नहीं आई जब..
इसमें बिना गवाही के, मुवक्किल होने की बात है..।
यहां हर रोज चुपके से, शक्ल कुछ बदल जाती है..
सब कुछ फ़ानी और, मुस्तक़िल होने की बात है..।
यूं तो आप हर कहीं, हर घड़ी मौजूद रहने लगे हो..
दिल से किसी के ग़म में, शामिल होने की बात है..।
हमारी ख़ामोशी का मतलब, कुछ भी निकालिए..
बस आंखों आंखों में, मुक़ाबिल होने की बात है..।