औरत भी एक इंसान है। उसके भी मन में इच्छाएँ, भावनाएँ और ज़रूरतें होती हैं, जैसे एक मर्द के अंदर होती हैं। कभी-कभी हम भूल जाते हैं कि वो भी महसूस करती है।
वो सिर्फ प्यार और ममता की मूर्ति नहीं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान है जिसे प्यार, अपनापन और किसी के स्पर्श की ज़रूरत होती है।
जब किसी औरत के मन में भावनात्मक और शारीरिक चाहत पैदा होती है, तो वो ऐसा साथी ढूंढती है जो सिर्फ उसके शरीर को न देखे, बल्कि उसके दिल, उसकी भावनाओं और उसकी आत्मा को भी समझे और इज़्ज़त दे 'उपदेश'।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद