आखिर रीना मैम को गब्बर और हरिया पर तरस आ ही गया और उन्हें 'आर्द्र' सर की जमानत पर रिहा कर दिया है। लेकिन छोड़ने से पहले एक बन्ध पत्र लिखवा लिया कि लिखन्तु डाॅट काॅम पर मौजूद शायरों, आशिकी, कवियों, कवयित्रियों और लेखकों को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा और न ही उनकी प्रतिष्ठा को किसी प्रकार की ठेस पहुंचाई जाएगी।
ऐसे में अब आप ही बताएं कि इतना नीरस जीवन कौन जीता है। गब्बर और हरिया तो पैदा ही इसलिए हुए हैं और उनका तो मूल मन्त्र यही है कि दूसरों को चैन से जीने ही नहीं दिया जाए। समझ में नहीं आ रहा है कि अगर चोर चोरी करना छोड़ देगा तो उस की हेरा फेरी करने की आदत का क्या होगा। इसी चक्कर में उन दोनों गहन विचार विमर्श किया और यह निर्णय लिया कि वे बस आगे से लोगों को रोज़ाना अपनी कर लोगों को खुश रखने का प्रयास करेंगे। प्रस्तुत है आज का शेर --
अगर हमने शायरी की तो पढ़ेगा कौन
अगर पढ़ लिया शेर तो वो रहेगा मौन
अगर मौन ही रहना था तो हंसेगा कौन
ये तू बता इस शायरी को समझेगा कौन
--- हंसना मना है --- हा--हा--हा
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




