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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अरे ओ हरिया पार्ट - 6

आखिर रीना मैम को गब्बर और हरिया पर तरस आ ही गया और उन्हें 'आर्द्र' सर की जमानत पर रिहा कर दिया है। लेकिन छोड़ने से पहले एक बन्ध पत्र लिखवा लिया कि लिखन्तु डाॅट काॅम पर मौजूद शायरों, आशिकी, कवियों, कवयित्रियों और लेखकों को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा और न ही उनकी प्रतिष्ठा को किसी प्रकार की ठेस पहुंचाई जाएगी।

ऐसे में अब आप ही बताएं कि इतना नीरस जीवन कौन जीता है। गब्बर और हरिया तो पैदा ही इसलिए हुए हैं और उनका तो मूल मन्त्र यही है कि दूसरों को चैन से जीने ही नहीं दिया जाए। समझ में नहीं आ रहा है कि अगर चोर चोरी करना छोड़ देगा तो उस की हेरा फेरी करने की आदत का क्या होगा। इसी चक्कर में उन दोनों गहन विचार विमर्श किया और यह निर्णय लिया कि वे बस आगे से लोगों को रोज़ाना अपनी कर लोगों को खुश रखने का प्रयास करेंगे। प्रस्तुत है आज का शेर --
अगर हमने शायरी की तो पढ़ेगा कौन
अगर पढ़ लिया शेर तो वो रहेगा मौन
अगर मौन ही रहना था तो हंसेगा कौन
ये तू बता इस शायरी को समझेगा कौन

--- हंसना मना है --- हा--हा--हा


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

हंसना मना था पर हम तो बहुत हंसे रोक ही नहीं पाए हंसी को...... बहुत बढ़िया

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना। अभी गब्बर और हरिया को सुधारने में थोड़ा वक्त लगेगा इसलिए हंसना मना था। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sach kaha yadav sir aise Neeras Jeewan ka kya hi jeena. Isiliye to Jamanat li thi ki jiwan m kuch ras waapas aaye

Lekhram Yadav replied

सर जी, सुप्रभात। कई दिन से सोच रहा था, क्या लिखूं आज गब्बर और हरिया की जिन्दगी में एक नई शुरूआत जो करनी थी और उन्हें काम पर भी लगाना था।

Bhushan Saahu said

Bahut bdiya..bese ab to gabbar or hariya ko riha hi kr dijiye.

Lekhram Yadav replied

नमस्कार भूषण साहू जी आपके सुझाव पर जरूर विचार किया जाएगा।

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