है प्रीत लगाई तुझ संग
अब हम जाएं कहां
तुम बिन ना रह पाएं
यहां..........
लत लग गई तेरी
जब तलब उठती तेरी
तो तुझ बिन रह
पाएं कहां..
खींचें चले आएं वहां
खड़ी हो तू जहां..
तू धड़कते सीनों
की कमान है।
तू शांत शीतल
स्वभाव है।
तू रूह को ठंढक
तू चंचल चितवन
तू मेरा प्रभु घनश्याम है।
धूनी रमाए
तुझमें समाए
बस तुझको हीं
जपता हूं...
मैं तूझसे मोहब्बत
करता हूं..
मैं तुझसे मोहब्बत
करता हूं...