अच्छा तो यही होगा कोई बात अपनों से कहो
प्यास बुझाने की बात कभी सागर से ना कहो
किसने मिटाया वजूद और बनाया हे बंजर
समजना हे तो सवाल बहेते जरनो से कहो
मरने से तो वो कभी बहे ना कम ना करेगी
अगर ओस दीखि तो धुप की चादर से कहो
महोब्बत से बढ़कर और कुछ भी होता नहीं
समजो तो चलो यही बात हर घर-घर से कहो
हम जानते हे असर होगा नहीं बात का किसे
पर आप रचना पढ़ो तो अपने दिल से कहो
के बी सोपारीवाला

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




