औरत गला घोट देती मजबूर होकर।
वासना दबा लेती उस से दूर होकर।।
मर्द की फितरत जानवरों से मिलती।
पीछे-पीछे दौडता नशे में चूर होकर।।
दिल के ज़ख्म भरते नही मुरब्बा से।
और बढ़ने लगते स्वाद में चूर होकर।।
उम्र गुजरते वक्त ज्यादा नही लगता।
कसक रह जाती 'उपदेश' नूर होकर।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद