पल पल बेवजह के तानों से संभाला है।
बदले वक्त के हिसाब से खुद को ढाला है।।
हर बार कोशिश की अपनी बात रखकर।
परिवार वालों ने मेरी हर बात को टाला है।।
अमावस की रात भी थोड़ी लम्बी रही मेरी।
मुझको खबर रही इसके बाद उजाला है।।
मोहब्बत करना कोई जुर्म तो नही 'उपदेश'।
प्यार में पडने पर दुनिया का रंग निराला हैं।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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