अब अलग अलग अपने अंदाज आखिर
हम नौसीखिए आप तीरअंदाज आखिर
क्या मजाल है हम शिकार सामने करेंगे
तीर से तीखी आपकी तो जबान आखिर
शब्द भेदी तीर अर्जुन ने चलाये थे बहुत
आपके तो पास हैं मर्मभेदी बान आखिर
कल भी आपका था और कल भी रहेगा
हम तो मिट जायेंगे लेके कमान आखिर
दास दुनियां देखती है खेल सब चुपचाप
ये विजेता का है करती गुणगान आखिर