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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तनहाई ने सबको डुबोया - कलरफुल सांग - वेदव्यास मिश्र

तनहाई ने सबको डुबोया,
हो सके तो खुद को बचा लो !!
कर देगी दुश्वार ये जीना,
हो सके तो दिल से निकालो !!

रात सुहानी हो सकती है,
दिन भी यारो खिल सकता है !!
तनहाई में आँच बहोत है,
पास यूँ जाके ना झुलसाओ !!

रंग बहोत है फूलों जैसे,
जीवन भी रंगीन बहोत है !!
सात रंग हैं सरगम सात हैं,
एक रंग से बाहर आओ !!

- वेदव्यास मिश्र की कलरफूल कलम से


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob acharya ji Pranam Sweekar Karein 🙏, sundar Geet jindagi ke rango se bhara hua..

रीना कुमारी प्रजापत said

कलरफूल कलम ने तो वाकई कलर भर दिया बहुत सुंदर 👏👌🙏

Bhushan Saahu said

Bahut hi bdiya likha aapne..colourful kalam ka kmaal ha.🙏🙏👏👏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, बहुत-बहुत स्नेह,आशीष और दुआयें भी 💜💜 माफ कीजियेगा..स्वास्थ्य और थोड़ी व्यस्तता के चलते अभी आपकी समीक्षा को देखकर रिप्लाई कर पा रहा हूँ !! आप इस लिखन्तु डाॅट काॅम के अनमोल रत्न है !! ईश्वर करे ,आपको खुशियाँ ही खुशियाँ मिलें..स्वस्थ रहें,मस्त रहें !! 🌈🌈

वेदव्यास मिश्र said

Bhushan Saahu जी, हमारी नजर में तो ये सिर्फ आपकी पारखी नज़रों का कमाल है भाई साहब साहू जी !! हृदयंगम आभार नमन !!

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, सच कहूँ तो इतनी खूबसूरत, व्यापक और यथार्थ रचनायें लिख रही हैं आप कि उन पारखी नज़रों की संगत पाकर हमारी रचनाओं में भी रंगत आ जा रही है !! बहुत-बहुत स्नेह बहन रीना जी 🙏🌈🌈🙏

कमलकांत घिरी said

बहुत ही बेहतरीन सर जी तन्हाई में सच में आंच बहुत है ये मन को झुलसा के रख देती है..बहुत सुंदर प्रस्तुति सर जी 👌👏🙏।।प्रणाम।।🙏

वेदव्यास मिश्र said

कमलकांत घिरी जी, शुभाशीष नमन भाई कमलकांत जी !! हृदयतल से आभार एक प्यारी सी उत्साहवर्धक समीक्षा भेजने के लिए 🙏🙏

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