तनहाई ने सबको डुबोया,
हो सके तो खुद को बचा लो !!
कर देगी दुश्वार ये जीना,
हो सके तो दिल से निकालो !!
रात सुहानी हो सकती है,
दिन भी यारो खिल सकता है !!
तनहाई में आँच बहोत है,
पास यूँ जाके ना झुलसाओ !!
रंग बहोत है फूलों जैसे,
जीवन भी रंगीन बहोत है !!
सात रंग हैं सरगम सात हैं,
एक रंग से बाहर आओ !!
- वेदव्यास मिश्र की कलरफूल कलम से
सर्वाधिकार अधीन है