हे मानव !
अपने आप को नजरअंदाज मत करना
समय आजमाते है बार-बार
कहीं रुकना मत किसी के वास्ते
हालतें मजबूर करती है हर बार
तभी भीतर की शक्ति को जगाना चाहिए
मुश्किलें रुलाती है
अपना होने पर भी कोई अपना नहीं होंगे कभी
सहायता किसी और से नहीं
अपने आप से मांगो
क्योंकि अपने आपको सहायता न करने से भगवान भी सहायता नहीं कर सकते
खुद को सहायता करने से
साधारण व्यक्ति भी असाधारण व्यक्तियों में गिने जाते है ॥


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







