तुमने मुझे अपना माना पर पूरी तरह से नहीं,
यकीं है मुझपे तुम्हें, फिर भी डर तो है कहीं।
बात करने को कहते, फिर लंबी दूरी बनाते,
हम हैरान परेशान पर तुम इससे वाक़िफ़ नहीं।
कहकर गए खुद ही कि बातों में वक्त ना बिगाड़े हम,
पर फिर आकर बोले कि आपने हमें रोका क्यों नहीं।
कहा एक दिन पहले तुमने हमें अलविदा जिस वक्त,
उसी वक्त दूसरे दिन कहते अलविदा सहन होता नहीं।
बोले एक दूरी बनाए रखते है हम दोनों अपने बीच,
पर अलविदा कहकर यूं दूर हो जाना कुछ अच्छा लगता नहीं।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐