खुशियों में तो सब ख़ुश रहते हैं,
गमों में भी ख़ुश रहा करो। (2)
गमों में ही तो इंसान टूट जाता है,
इन गमों को ख़ुद पर ना हावी होने दिया करो।।
किसकी ज़िंदगी में ग़म नहीं,
यहां हर इंसा गमों से भरा है। (2)
कामयाब इंसा तो वही,
जो नहीं कभी गमों से डरा है।।
ज़िंदगी और गमों का तो खास रिश्ता है,
ज़िंदगी मिली जिसको उसे ग़म भी साथ मिला है। (2)
फिर क्यों घबराते हो गमों से,
जब तुन्हें इनके साथ जीना है।।
खुशियों में तो सब ख़ुश रहते हैं,
गमों में भी ख़ुश रहा करो।(2)
ना आये गमों में ख़ुश रहना,
तो मुझसे सीख लिया करो।।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️