अक्सर लोग मोहब्बत में हार कर ग़ज़ल लिखा करते हैं
हम तो ज़िंदगी से हार कर ग़ज़ल लिखते हैं,
किसी ने किसी से बेपनाह प्यार करके
लिखना सीखा है तो किसी ने बेपनाह प्यार पाकर
लिखना सीखा है,
और हम
हमने तो दोनों से लिखना सीखा है।
अक्सर लोग इश्क़ में नज़्में लिखा करते हैं
हम अपने दर्दों में नज़्में लिखते हैं,
किसी ने किसी की मोहब्बत की अधूरी दास्तां सुन लिखना सीखा है
तो किसी ने अपने खुद के इश्क़ में टूटकर
लिखना सीखा है, और हम
हमारी ज़िंदगी में मोहब्बत जैसा कुछ नहीं हमने तो अपने दर्दों से लिखना सीखा है।
अक्सर लोग प्यार में धोखा खाकर लिखा करते हैं
हम तो ज़िंदगी से धोखा खाकर लिखते हैं,
किसी ने किसी अजनबी से प्यार कर उसकी यादों में लिखना सीखा है
तो किसी ने किसी की याद बनकर लिखना सीखा है, और हम
हम किसी की यादों में कहां हमने तो अपनों की याद में लिखना सीखा है।
अक्सर लोग अपने महबूब की जुदाई में लिखा करते हैं हम दर्दों को अपनाकर लिखते हैं,
किसी ने गमों से लिखना सीखा है
तो किसी ने खुशी से लिखना सीखा है, और हम
हमने तो दोनों से लिखना सीखा है।
"रीना कुमारी प्रजापत"