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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अक्सर लोग

अक्सर लोग मोहब्बत में हार कर ग़ज़ल लिखा करते हैं
हम तो ज़िंदगी से हार कर ग़ज़ल लिखते हैं,

किसी ने किसी से बेपनाह प्यार करके
लिखना सीखा है तो किसी ने बेपनाह प्यार पाकर
लिखना सीखा है,
और हम
हमने तो दोनों से लिखना सीखा है।

अक्सर लोग इश्क़ में नज़्में लिखा करते हैं
हम अपने दर्दों में नज़्में लिखते हैं,

किसी ने किसी की मोहब्बत की अधूरी दास्तां सुन लिखना सीखा है
तो किसी ने अपने खुद के इश्क़ में टूटकर
लिखना सीखा है, और हम
हमारी ज़िंदगी में मोहब्बत जैसा कुछ नहीं हमने तो अपने दर्दों से लिखना सीखा है।

अक्सर लोग प्यार में धोखा खाकर लिखा करते हैं
हम तो ज़िंदगी से धोखा खाकर लिखते हैं,

किसी ने किसी अजनबी से प्यार कर उसकी यादों में लिखना सीखा है
तो किसी ने किसी की याद बनकर लिखना सीखा है, और हम
हम किसी की यादों में कहां हमने तो अपनों की याद में लिखना सीखा है।

अक्सर लोग अपने महबूब की जुदाई में लिखा करते हैं हम दर्दों को अपनाकर लिखते हैं,

किसी ने गमों से लिखना सीखा है
तो किसी ने खुशी से लिखना सीखा है, और हम
हमने तो दोनों से लिखना सीखा है।

"रीना कुमारी प्रजापत"




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Muskan Kaushik said

Well said Reena ji👍

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks

फ़िज़ा said

Bahut badhiya lajawab aapke likhane ka reason jo bhi ho aap likhati bahut Achcha hai

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया फ़िज़ा जी

Ankush Gupta said

Bahut khoob kaha Reena ji👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku so much

वन्दना सूद said

क्या बात है 👏👏बहुत बढ़िया लिखा

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