हिन्दी दिवस 14 सितमबर पर विशेष
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
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मैं हूं भाषा हिन्दी मेरा नाम संस्कृत से निकली देवनागरी उपनाम भारत की हूं राष्ट्रभाषा संविधान ने दिया मुझे यह अधिकार ढूंढती अपना अस्तित्व आज
इस देश में नहीं होता मेरा सम्मान
विद्यालय न्यायालय विभाग में कभी कभार होता मेरा इस्तेमाल
संसार के हर राष्ट्र मे होता उसकी राष्ट्रभाषा का सम्मान उनका भी होता विकास
मैं हू---------
यह कहावत है आम जो करता हिन्दी उच्चार उसका होता कम विकास भारतीयों के हृदय में मिला अत्यंत निम्न स्थान ग्लोबलाइजेशन के दौर में होता अंग्रेजी का गुणगान यह मान नहीं करते मेरा सम्मान
मैं हूं भाषा,--------
लेखक कवि कलाकार हैं भले इंसान इन्होंने दिया मुझे हृदय में उच्च स्थान करती हूं उनका कोटि-कोटि आभार वहीं तो है भाषा का आधार पर इतने से संतुष्ट नहीं मैं आज
चौदह सितम्बर है हिंदी दिवस ख़ास होंगे कवि सम्मेलन और साहित्य सम्मान जैसें हूं मैं कोई लाश अर्पित कर दिए जाएंगे श्रद्धांजलि पुष्प महान भर आये है मेरे नैना आज
मुझे भी मिले मेरा अधिकार मुझे भी मिले मेरा अधिकार
मैं हूं भाषा हिन्दी मेरा नाम खोजतीं हूं अपना अस्तित्व अविराम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




