शिक्षा का प्रभाव
चमकता है सोना अग्नि में तप कर जिस तरह
निखरता है मनुष्य विद्या पाकर उसी तरह
विद्या से बड़ा कोई धन नहीं
हर विकास की नींव शिक्षा से
अज्ञानता से ज्ञानता की राह इसी से
परिवार,समाज,राष्ट्र की पहचान शिक्षा से
मानव का कल्याण है जिससे
क्यों बन गया आज वह चर्चा का बिषय हम सब में
लोक-कल्याण आज क्यों व्यापार बन गया
धन कमाने का साधन बन गया..
बढ़ती ज़रूरतों ने शिक्षा के माईने बदले
स्कूलों की फीसें हो गई महँगी
फिर भी कोचिंग सेंटर में सब जाकर पढ़ते
न खेल-कूद ,न कोई व्यायाम
न अच्छा खाना-पीना,न सोने-जागने का कोई नियम
गुरु से शिष्य का रिश्ता बदला
न समाजसेवा ,न देशभक्ति की कोई भावना
न समय बचा अपनों के लिए
कैसी है यह शिक्षा पद्धति जिसने सबको स्वार्थ सिखाया..
माता-पिता ने व्यापार सोचकर पैसा लगाया
तो पैसे के बदले पैसा चाहा
प्रतिस्पर्धा की होड़ में बच्चों पर दबाव बनाया
बच्चों ने अपना बचपन खोया
सामाजिक डर आत्मघात तक आया
न वाणी पर संयम ,न आदर-सत्कार सिखाया
पूछो तो सब से !क्या महत्व है ऐसी शिक्षा का
जो विद्या पाकर भी विनय न कमाया ..
बदलती शिक्षा नीतियों के परिणाम तो देखो
सबका अधिकार है शिक्षा पर
इसके महत्व को न बदलो
सबकी झोली में यह ज्ञान डाल दो
प्रकाशित होंगे जब हम स्वयम्
तब ही प्रकाश फैला पाएँगे
धर्म,संस्कृति से सुरक्षित और विकसित राष्ट्र बना पाएँगे..
वन्दना सूद