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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

अहम् की हर सीमा पार कर ली

अहम् की हर सीमा पार कर ली
चाहे सुबह के गुलाबी बादल जिन्हें सूरज की किरणों ने सजाया हो
चाहे पेड़-पौधे ,रंग-बिरंगे फूलों ने प्रकृति को सजाया हो
पहाड़ों की बारिश में बढ़ती ख़ूबसूरती हो
समुन्दर,नदियाँ या झरनों की मन को लुभाती जलधारा हो
तारों की बारात ने रात्रि को जगमगाया हो
चन्दा ने आसमाँ से निहारा हो
जिसने दुनिया बनाई,उसकी रहमत का क्या कहना
सम्पूर्ण प्रकृति सौंप दी हमें जीने के लिए
हर सौंदर्य का जी भरकर लुफ़त उठाते हैं हम
और हमारा अहम् तो देखो
हमने उनकी मूरत क्या बना ली
ख़ुद को ही ख़ुदा मान बैठे
उनको परदे में ढक दिया
मिलने का समय नियुक्त कर दिया
कभी भोग,कभी विश्राम और कभी शृंगार में बाँध दिया उन्हें
जो प्रभु कण-कण में हैं ,हर पल,हर क्षण हर जगह पर हैं
स्वार्थी प्राणी ने अनमोल प्रभु का भी मोल लगा दिया..
वन्दना सूद


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam rachna bahut Satya vachan pranam sweekar karein🙏🙏

वन्दना सूद replied

प्रणाम 🙏🙏

कमलकांत घिरी said

सच कहा मैम स्वार्थी प्राणी ने अनमोल प्रभु का भी मोल लगा दिया

वन्दना सूद replied

सही में sir दुख होता है यह सब देख कर

Lekhram Yadav said

वाह वन्दना जी क्या सुन्दर रचना पेश की है। आपने तो हम स्वार्थी प्राणियों में प्रकृति के प्रति प्रेम जगाने का सुन्दर एहसास करा दिया। आपको सादर प्रणाम।

वन्दना सूद replied

धन्यवाद sir 🙏😊

ताज मोहम्मद said

बहुत ही गहरा संदेश दिया आपने समाज को। बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।

वन्दना सूद replied

धन्यवाद sir 🙏😊

उपदेश कुमार शाक्यावार said

Very True 👍 🙏🏻

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

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