तेरे प्यार को अपनाना चाहती हूॅं मैं,
तेरी फितरत को समझना चाहती हूॅं मैं।
तू बता, क्या तू मुझे अपने साथ रखेगा?
तेरे साथ कदम से कदम मिलाकर
चलना चाहती हूॅं मैं।
तेरे दुःखों में तेरे साथ रहना चाहती हूॅं मैं,
तेरी खुशियों में भी शामिल होना चाहती हूॅं मैं।
तू बता, क्या तू मुझे अपने साथ रखेगा?
तेरी हर हरक़त में तेरा साथ निभाना चाहती हूॅं मैं।
तेरी ख़ामोशी का अल्फ़ाज़ बनना चाहती हूॅं मैं,
तेरी अच्छाइयां दुनियां को बताना चाहती हूॅं मैं,
तू बता, क्या तू मुझे अपने साथ रखेगा?
तेरे साथ तेरे ख़्वाबों, तेरे ख़यालों और हक़ीक़त
में रहना चाहती हूॅं मैं।
तेरी डायरी के पन्नों में शामिल होना चाहती हूॅं मैं,
तेरी हर गुफ़्तगू में नाम अपना चाहती हूॅं मैं।
तू बता, क्या तू मुझे अपने साथ रखेगा?
तेरे साथ बे- ख़ौफ़ जीना चाहती हूॅं मैं।
✍️💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐✍️