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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ऑनलाइन शॉपिंग

बड़ी विपदा आन पड़ी जब
ऑनलाइन कमीज ऑर्डर करी
मिली तो पता चला
कि साइज था छोटा
ऑर्डर और डिलीवरी के बीच
जाने कैसे हो गया मोटा

वापस करने की तरकीब की
तो बोला भेजो फोटो
वरना एक बार फिर से
पहन कर देखो

इसी साइज का
दूसरा रंग मिलेगा
पर ये आइटम
रिटर्न नहीं होगा

मरता क्या ना करता
कस्टमर केयर को फोन घुमाया
जवाब में विनम्रता से भरा
मैसेज आया

अपनी समस्या समझाए
हम बोले छोटा साइज आ गया है निजात दिलाएं
क्षमा दीजिए ये वापस ना होगा
और कोई सेवा हो तो बताएं

फिर से चैट और फिर से कॉल करी
पर हमारी कोशिश रही धरी की धरी
सोचा, सांस रोक कर पहनेंगे
फैशन के लिये थोङा कष्ट सह लेंगे

पर पेट की गोलाई ने कर दिया विद्रोह
लाख कोशिश के बाद भी बटन बंद ना हो
बाकी मामला फिर भी था ठीक
अगर रोक सके खाॅसी और छींक

श्रीमती जी आई मंद मुस्कान लिए
खरीदते समय मध्य प्रदेश का ध्यान रखिए
और इस गलती से निजात पाना है तो
कमीज सर्दियों में स्वेटर के अंदर पहनिए

सिर्फ कालर नजर आएंगे
आप शर्मिंदगी से बच जाएंगे
और आगे से आधुनिकता काम दिखाओ
हर बार की तरह कमीज टेलर से सिलवाओ

कोई और चारा ना देख सारा हिला दिया
श्रीमती की राय को सर आंखों लिया
सबक सीखे हम और आम जनता
ऑनलाइन खरीदना सबको नहीं जमता




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah bahut Uttam hasya ke sath sath Uttam shabdawali aur Uttam Rachna Pranam 🙏🙏

Chitra Bisht replied

Dhanyawad Ashok ji

वन्दना सूद said

Haha 🤣 bahut hi badiya likha 👌👌👏👏

डॉ कृतिका सिंह said

Waah waah adhunikta aur vastvikta par ek achha tanj aur ek achha comparision pesh kiya...lazwaab

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