अगर चाहने से सब होता यहाँ,
तो सबसे पहले तुम्हें माँगता !!
अगर सोचने से सब मिलता यहाँ,
तो तेरे सिवा मैं न कुछ सोचता !!
कोई तो है जो नज़र रखता हमपे,
उसे रब कहो या जो भी कहो !!
अगर मेहनत से ही मिलता यहाँ,
तो करके कुछ भी तुझे पा लेता !!
तदबीर होती कोई अगर जानम,
तो कुछ ना कुछ मैं करता ज़ुरूर !!
तक़दीर से ही सब मिलता यहाँ,
तो तेरी भी तक़दीर खुद से जोड़ता !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




