जाने क्यूँ होने लगा है मुझको ये एहसास
कि अब ज्यादा वक़्त बचा नहीं मेरे पास
अभी तो पूरे करने थे अधूरे अनगिन ख़्वाब
देखने थे आने वाले अनेकानेक मधुमास
पर हाय आज मेरे सोने से बालों में चांदी दिख गई
लगा आ गई उम्र पड़ाव छलांग कब्र के पास
यद्यपि ये चाहत नहीं कि उम्र थम जाएं वहीं
लुत्फ़ है हर पड़ाव में जिसे है देखने की आस