हर बज़्म में तू मौजूद हो
हर नज़्म में तू ही तू हो
ये ज़रूरी नहीं
तुम सांसों में हो
इन रगों में बहो
दिल में हीं रहो
दिल की धड़कन में हो
यह भी ज़रूरी नहीं ।
क्योंकि दैहिक और भौतिक
अभिलाषाएं तो नष्ट हो जाती है
पर सच्चा प्यार हमेशा क़ायम रहता है।
इन हवाओं में खुशबू की तरह
इन फिज़ाओं में खूबसूरत रंगों की तरह
बरसती बूंदों में छम छम की तरह
धरती की हरी सुनहरी खेतों की तरह
सुरों के सात अक्षरों में
कायम रहता है क्यामत की रात से भी ज्यादा आगे
कयामत के बाद फिर से जन्म लेती है
मोहब्बत।
इंसानों को इंसानों से जोड़ें रहती है मोहब्बत।
बाकि ..यह दुनियां और दुनियादारी सब
मोह माया है।
अगर दुनियां में किसी ने कुछ पाया है तो
सिर्फ़ मोहब्बत वालों ने ही पाया है ।
बाकि सब मोह माया है..
समय के साथ सब नष्ट हो गए
सिर्फ मोहब्बत हीं जिंदा बच पाया है
बाकि सब मोह माया है..
सिर्फ़ मोहब्बत वालों ने हीं कुछ पाया है
सिर्फ मोहब्बत वालों ने ही कुछ पाया है...