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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ब्वाय फ्रेंड - नेत्र प्रसाद गौतम

दोस्त दोस्त से बोला, शादी करके
मेरी तो दिन फरक रात फरक हो गई है
तुझ से क्या कहूं जिन्दगी पूरी तरह नरक हो गई है
बीबी मेरी अपनी औकाद से बहुत बढ़ गई है
दो चार महीने तो ठीक थी मगर अब शिर पर चढ़ गई है

हे मेरे दोस्त चुप चाप रहना ये बात किसी से कभी न कहना
बीबी मेरी कभी ब्यूटी पार्लर कभी होटल जाती
ज्यादातर वहीं जा कर पीती और खाती
जब आधी रात को वह घर पर आती
हमेशा ब्वाय फ्रेंड अपने साथ लाती

हे मेरे दोस्त चुप चाप रहना
ये बात किसी से कभी न कहना
मेरे सामने बीबी का ब्वाय फ्रेंड
उसे गले लगा कर मिस कर रहा
कभी उसके माथे पर कभी उसके गाल पर किस कर रहा

ऐसे में भी अपने ब्वाय फ्रेंड को कुछ भी नहीं बोलती है
वह मेरी बीबी तो हंस हंस कर उसी से लिपटती है
हे मेरे दोस्त चुप चाप रहना
ये बात किसी से कभी न कहना
मेरी बीबी और उसका ब्वाय फ्रेंड
न मुझ से शरमाते न डरते हैं
मेरे ही आगे वे दोनों उल्टी सीधी हरकत तक करते हैं
मैं कुछ नहीं कर सकता मैं कुछ भी नहीं कहता हूं
मैं तो खड़ा खड़ा उन दोनों को देखता रहता हूं
हे मेरे दोस्त चुप चाप रहना
ये बात किसी से कभी न कहना
ये बात किसी से कभी न कहना.......

----नेत्र प्रसाद गौतम




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