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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

रिमझिम रिमझिम बरसे सावन

कापीराइट - विरह गीत

रिमझिम रिमझिम बरसे सावन
रिमझिम रिमझिम बदरा छाए रे
कब आएंगे साजन मेरे
ये तन मन भीगा जाए रे

सखियां मेरी झूला झूलें
साजन के स॔ग सावन में
एक पगली सी बैठी हूं मैं
अपने घर के आंगन में
बिन साजन के सावन में
ये झुला कौन झुलाए रे
कब आएंगे ................

ऐसी क्या है मजबूरी जो
तुम ना आए सावन में
ये हरियाली सावन की
आग लगाए तन मन में
हाय जलन ये सावन की
मेरे मन को तङपाए रे
कब आएंगे ...............

लगती है मुझको फीकी
ये कोयल की मीठी बोली
सावन की बूँदों में साजन
अब भीगी है मेरी चोली
हाय अगन मेरे मन की
बिन साजन कौन बुझाए रे
कब आएंगे....................

आज नहीं जो तुम आए
कैसे मन को समझाउंगी
ये उलझन अपने मन की
अब कैसे मैं सुलझाउंगी
कब से बैठी हूं दर पर मैं
तेरी ही आस लगाए रे
कब आएंगे ................

क्यूं तेरे दर्शन को साजन
अब मेरे नैना तरस गए
मेरी प्यासी आंखों से ये
बादल सावन बरस गए
अब तो आ जा हरजाई
ये सावन भी बीता जाए रे
कब आएंगे .................

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

रमेश चंद्र said

बहुत ही सुंदर गीत किसी के इंतजार को आपने बहुत अच्छे से बयां किया

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एव॔ सुस्वागतम रमेश जी आपकी हौसलाअफजाई मेरे लिए किसी इनाम से कम नहीं है, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Bhushan Saahu said

अत्यधिक प्रेम से परिपूर्ण रचना

Lekhram Yadav replied

भूषण साहू जी सुप्रभात एवं नमस्कार मेरी इस छोटी सी दुनियां में आपका स्वागत है।आपको मेरी ये तुच्छ सी रचना पसन्द आई मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे पूरा विश्वास है कि आप आगे भी इसी तरह मेरा उत्साह बढ़ाते रहेंगे। धन्यवाद।

Vineet Garg said

बहुत खूब

Lekhram Yadav replied

गर्ग साहब सुप्रभात एवं नमस्कार। आपका प्यार और सराहना मेरे लिए किसी आशिर्वाद से कम नहीं। मुझे आशा है कि आप आगे भी इसी तरह मेरा हौंसला बढ़ाते रहेंगे।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi umda ✍️ aapne prakriti evam uske anusaar Bharat me nariyon ke man ke bhavon ko umda tarah se geet me saja Diya hai...isko mahilayein mahila Sangeet ya saavan ke geeton me upyog karne se bilkul nahi hichkichayengi...

Lekhram Yadav replied

आदान अरज हुजूर ये मेरी कृति आपको पसन्द आई ।धन्यवाद सहित नमस्कार।

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