भावनाएं भटकने लगी प्रेम में संवाद करके।
रिश्ते चन्दन जैसे महकने लगे विवाद करके।।
वेदना की व्यथाएँ समझने में पीछे रहे दोनों।
पीर में नीर छुपाते दिल से रोते रहे याद करके।।
जानते है सत्य को मगर मान कोई पाता नही।
त्याग भी एक तपस्या सफल फ़रियाद करके।।
प्रेम की आराधना आहत हुई कुछ दूरियों से।
अन्दर टूटे 'उपदेश' रूमानियत आजाद करके।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




