कापीराइट गजल
अब, दर्द है कहां, क्या बताएं हम
टूटे हैं कहां-कहां, क्या बताएं हम
छाया है हम पे ब्रेकअप का कहर
क्यों हुआ है अब, क्या बताएं हम
मक्खी की तरह दिल से निकाला
छटपटाए हैं कैसे क्या बताएं हम
प्यार के नाम पे, मिले हैं हमें गम
मायूस हैं क्यूं ये, क्या बताएं हम
कहना चाहते थे हर बात आपसे
कह न पाए मगर क्या बताएं हम
कर रहा है वक्त ये साजिशें कैसी
ये हालात हैं क्यूं, क्या बताएं हम
जब हुआ है सामना राह में उनसे
वो चुराते हैं नजरें क्या बताएं हम
अब साथी हैं मेरे ये खाली पैमाने
ये कहते हैं शराबी क्या बताएं हम
उसने प्यार में यादव छोड़ा है हमें
ये चर्चा है शहर में क्या बताएं हम
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है