कापीराइट गजल
बदले तेवर जब मौसम ने एक नई शुरूआत हुई
आई बसन्त मेरे घर में जब पत्तों की बरसात हुई
चलते देखा आज हवा को मन्द - मन्द गलियारों में
पेड़ों से गिरते पत्तों से सर-सर की आवाज हुई
एक नया आलम था यारो चारों और हवाओं में
छाई धरती पर हरियाली टप-टप जब बरसात हुई
पीली, चादर औढ़ के ये, लगती है धरती दुल्हन
एक प्यारी सी दुल्हन से यूं अपनी मुलाकात हुई
फूल खिलें हैं नए-नए इन खेतों में खलिहानों में
ले कर आई है बसन्त ये रंगों की बरसात नई
चेहरे सबके खिले हुए हैं धरती मां के आंगन में
एक प्यारी सुन्दर कोंपल से आज हमारी बात हुई
चुपके से बोली कोयल तू उत्सव आज मना यादव
इस रंग बिरंगी होली में यूं जब रंगों की बरसात हुई
- लेखराम यादव
(मौलिक रचना)
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




