वही जानती होगी दूध में कितना पानी।
मुझे लगी सच्ची वो निकली आसमानी।।
शहर में धोखा मिलना आम बात होगी।
मेरी निगाह से चलती नही जिन्दगानी।।
दुनिया कहती सब्र का फल मीठा होता।
इसकी आड़ में ज्यादातर करते बेईमानी।।
किसने देखा कर्मों का फल कब मिलता।
बनी धारणा ना टूटी मानती नही जवानी।।
जाने कितने ही ख्वाब बुने चूहों ने कतरें।
चूहों की संख्या भारी 'उपदेश' मेहरबानी।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




