शीर्षक - आप लौट आए तो
💐💐For Ashok Kumar pachouri 'Aardra' ji
बेनूर हो गए थे आपके बग़ैर सभी चेहरे,
आप लौट आए तो चेहरों की रंगत लौट आई है।
आपकी ग़ैर - मौजूदगी में हमारी कलम बेजान हो गई थी,
आप लौट आए तो हमारी कलम में भी जान लौट आई है।
ख़बर सुन आपके मरज़ की उदासी छा गई थी,
आप लौट आए तो हमारी मुस्कान लौट आई है।
सुन हाल आपका कई दिलों की धड़कने अटक सी गई थी,
आप लौट आए तो अब ये धड़कने लौट आई है।
एक सन्नाटा सा छाया था सभी ज़ुबानों पर,
आप लौट आए तो उनकी आवाज़ लौट आई है।
आपकी ग़ैर - मौजूदगी में
ना चाहते हुए भी महफ़िल लगा तो रहे थे
पर सजा नहीं पा रहे थे,
अब आप लौट आए तो महफ़िल को सजावट लौट आई है।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️