आम न इतना खाया करो तुम,
खास बनोगे फिर कैसे ।
गोलू-मोलू बन जाओगे,
पहलवान बनोगे फिर कैसे ??
जो भी बनना राजा बेटा,
पप्पू न बनके रहना कभी ।
इधर-उधर की न खाया करो,
फौजी बनोगे फिर कैसे ??
दूध पियो और गुड़ भी खाओ,
गुड़ में है सारे गुण छिपे ।
समय पे थोड़ा खेला करो भी,
विराट बनोगे फिर कैसे !!
पढ़-लिखकर वैज्ञानिक बनना,
होम वर्क तुम किया करो ।
खेलते ही रह जाओगे तो,
कलाम बनोगे फिर कैसे !!
जो भी बनना इन्सां बनना,
देश की सेवा करना तुम ।
जय हिन्द को भूल न जाना,
मिसाल बनोगे फिर कैसे !!
(माँ-बेटे की कोमल समजाइस पर आधारित)
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है