जिन्दगी की किताब
जादुई किताब
हमारे हाथ में है
पर किसी को
भी दिखाई नहीं देती
इसके पूरे सफ़े
कभी नहीं खुलते
हर पल नये मिसरे
खुद सामने आते हैं
हाथ में आने से पहले
खुद हवाओं में
घुल जाते हैं
ये मुकम्मल भारी किताब
हमारे हाथ में रहती है
फिर भी
लगता है
हम खाली हाथ हैं
हम कभी उसकी
जुबां उसका लहजा
उसके मिजाज को नहीं
पहचानते.
बस हम एक दूसरे को
वो पढ़ना सिखाते हैं
जो खुद हम
कभी नहीं पढते
पर दावा करते हैं
सिर्फ हमने इसे पढ़ा है
दुनियां में
किसी और ने नहीं.

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




