मन ही मन मुस्कुराती आईने के सामने।
अंजाम बदलने लगी झूठे उसके मायने।।
दिन चल रहे वनवास के ख्याली रात के।
चाँद तारो की गवाही प्यारे उसके मायने।।
मन करता उड़कर घूम आऊँ आकाश में।
मनमोहक महक लिए हवा उसके मायने।।
कितनी कुछ बाते कहने का मन 'उपदेश'।
नजर इंतजार में खामोशी उसके मायने।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद