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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद की ग़ज़ल - मासूम हो तुम नादान हो तुम

"ग़ज़ल"

मासूम हो तुम नादान हो तुम!
मेरी उल्फ़त से अनजान हो तुम!!

तुम्हें कैसे लाऊॅं मैं होंटों पर!
इस दिल में छुपा अरमान हो तुम!!

मुझे लगती हो तुम परी जैसी!
माना कि एक इंसान हो तुम!!

ग़म सामने जिस के टिकता नहीं!
एक ऐसी दिव्य मुस्कान हो तुम!!

तेरी जवानी उफ़्फ़! तौबा! तौबा!
एक बे-क़ाबू तूफ़ान हो तुम!!

'परवेज़' पे कर दो नज़र-ए-करम!
मेरे दिल की धड़कन जान हो तुम!!

- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत अरमान दिल में छुपा कर रखा है,अहमद भाई, बहुत दिलफरेब रचना, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

वाह लाज़वाब रचना 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह, परवेज जी,दिल के सारे अरमानों को मोहब्बत पर कुर्बान करती ये ग़ज़ल दिल में लहरों की तरह उतरती हुई। लाजवाब 👌 बेहतरीन 👌🙏🌹

उपदेश कुमार शाक्यावार said

क्या गहराई है रचना में... बहुत खूब 🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

बहुत-बहुत आभार आपका, यादव जी! तह-ए-दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल की गहराइयों से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, श्रेयसी जी! बहुत-बहुत आभार और नवाज़िश आपकी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

बहुत-बहुत आभार और इनायत आपकी, मनोज जी! दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

तह-ए-दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, उपदेश जी! मेहरबानी! ❤️🙏

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