चांद देख रही हो,
या अपने पुराने
दिल - ए - अरमान देख रही हो,
लगता है कि उसके उजाले में
उजड़ा हुआ शमशान देख रही हो।
हमारा तुम्हारा मुकालमा सुनने,
आता था ये मेहमान बनकर,
जब हम ही पराए हो गए ,
फिर क्यों ये पराया मेहमान देख रही हो ।
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या अपने पुराने
दिल - ए - अरमान देख रही हो,
लगता है कि उसके उजाले में
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आता था ये मेहमान बनकर,
जब हम ही पराए हो गए ,
फिर क्यों ये पराया मेहमान देख रही हो ।