रूखेपन के बावजूद इस दिल में जगह बना दी।
मेरे कुछ कहने से पहले दिल की शक़्ल दिखा दी।।
सोचा कुछ था मगर हुआ आमना सामना उससे।
क्या कुछ कह डाला फिर भी उलाहना लिखा दी।।
सब्र नही आतुर इतनी चंचलता लिए हुए 'उपदेश'।
हर हसरत को दफन किया नई सीख सिखा दी।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




