आज मुझे कुछ कहना था,
पर क्या कहना है याद नहीं !!
आज मुझे कुछ लिखना था,
पर क्या लिखना है याद नहीं !!
सपनों के जैसा है जीवन,
और सपनों के जैसे हकीक़त !!
कल ही जगमग था घर-आँगन,
आज मगर वो बात नहीं !!
छाले पैरों के दिख जाते,
दिल के छाले दिखायें किसे !!
अन्दर दिल के पतझर-सावन,
पर कोई बरसात नहीं !!
वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है