यह पुरवाई
यह सूरज
सूरज की पहली किरण
यह खेत-खलियान
यह अद्भुत हरियाली
यह वृक्षों का डेरा
यह शीतल छाया
यह पशुपक्षी
उनकी मधुर गुंजाराव
यह रिमझिम बारिश
यह नदियाँ
यह पानी
यह हसीन किनारे
यह फूल
उनकी मदहोश खुशबु
यह धरा
यह माटी
यह मृदगंध
यह नील आकाश
उसकी अनंत गहराई
यह सागर
यह लहरें
यह स्वर्ग तो है,
हे भगवंत...
मै और स्वर्ग कहाँ ढूँढू?
✍️ प्रभाकर, मुंबई ✍️