कहीं न कहीं ये आँसू भी,
लिहाज़ रखते है
माहौल के अनुरूप,
वो भी बरसते है !!
बेपनाह दर्द में भी,
वो आपा नहीं खोते है
ख़ुद पे काबू पाकर,
हारमें भी मुस्कुराते है !!
अज़ब-गज़ब वो भी,
सम्वेदना को छिपाते है
ये आँसू दौलत भी है,
जो ग़म,ख़ुशी की जागीर है !!