इश्क को जाहिर न करके वो मुस्कुराया करता।
ज़ख्म दिल के अपनी मर्जी से छुपाया करता।।
साथ-साथ पसन्द मुझको भी और उसको भी।
हल्का धक्का लगा कर कंधे थपथपाया करता।।
जब से साथ छूट गया हँसना हँसाना रूठ गया।
बात होने पर हर तरह की बात बताया करता।।
हाजिर जबाव इस तरह बताते थे गाँव के लोग।
मानने पर अदब से 'उपदेश' सिर हिलाया करता।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




