कविता : मुमफली....
कसमें मुझे खिला रही
खाना तुम खा रही
ये क्या चक्कर चला रही ?
मुमफली भी तुम ही चबा रही
ये क्या चक्कर चला रही
मुमफली भी तुम ही चबा रही.......
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