समझ के बोल
जीवन में है बोझ, तो उठाना पड़ेगा
कैसा भी हो संजोग, जीना ही पड़ेगा !!
दस्तक दे दुःख तो, याराना करना पड़ेगा
सुख को पाने ख़ातिर, साहस करना पड़ेगा !!
आये है उनकी मर्जी से, जैसे रखे रहना पड़ेगा
सौंपा जो फ़र्ज, कर्म के आधीन निभाना पड़ेगा !!
चक्कर के चक्रवात को, वेधना पड़ेगा
तय है फिर जाना तो जाना ही पड़ेगा !!
दयावान है वो बड़ा, स्मरण करना पड़ेगा
सत्य केवल रब, बाकी तो भरम समझना पड़ेगा !!

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




