करीब आने दे
तू एक बार मुझे इतना करीब आने दे
मेरे दिल की दुनियां जरा बस जाने दे
ये गमों की रात बहुत लम्बी है अभी
एक बार जरा इसको भी ढ़ल जाने दे
भर जाएंगे जख्म वक्त के साथ-साथ
एक बार जरा इनको, भी भर जाने दे
फासले हैं बहुत अभी, दरमियां अपने
एक बार जरा इन को सिमट जाने दे
काबिल, नहीं हूं तेरे, ये मानता हूं मैं
मैं जानता, हू ये मगर, करीब आने दे
बङी कठिन है यहां ये जिन्दगी यादव
इसीलिए तो मुझे अब, करीब आने दे
- लेखराम यादव
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