सो जा मेरे राजा भैया
*****************
सो जा मेरे राजा बाबू , सो जा मेरे भैया ।
सो जा मेरे नन्हें मुन्ने प्यारे कृष्ण कन्हैया ।।
पहले लाओ मुझे खिलौना, थोड़ा सा मैं खेलूँ ,
दूध मँगा दो गैया का मैं पीकर उछलूँ-कूदूँ,
सोऊँगा पर नरम मुलायम आज बिछाओ सैया ।
सो जा मेरे राजा बाबू , सो जा मेरे भैया ।।
नहीं कहीं से ला सकती मैं तेरे लिए खिलौना,
कड़ी भूमि पर सोना बाबू घर में नहीं बिछौना,
दूध मोल मैं ला ना पाई , ना है पास रुपैया ।
सो जा मेरे राजा बाबू, सो जा मेरे भैया ।।
सोएगा तो सपने में आएँगी परियाँ प्यारी,
ढेर खिलौने देंगी तुझको, प्यार करेंगी सारी,
गुलगुल बिस्तर तिनकों वाला लाएगी गौरैया।
सो जा मेरे राजा बाबू, सोजा मेरे भैया ।।
सेब संतरा काजू किशमिश मेवा वहाँ मिलेगा,
उड़नखटोला तेरे कहने पर ही सदा चलेगा,
दूध पिलाएगी जी भर कर कामधेनु सी गैया ।
सो जा मेरे राजा बाबू, सो जा मेरे भैया ।।
नहीं चाहिए मुझे खिलौना, नहीं चाहिए बिस्तर,
सो जाऊँगा सख्त भूमि पर थोड़ा पानी पीकर,
रखो गोद में सर सहला दो, चिंता छोड़ो मैया ।
सो जा मेरे राजा बाबू, सो जा मेरे भैया ।।
आ जा मेरी गोदी में मैं सर सहला दूँ तेरा,
समझदार हो गया है नन्हा मुन्ना बच्चा मेरा,
नज़र लगे न मेरी तुझको लूँगी आज बलैया ।
सो जा मेरे राजा बाबू, सो जा मेरे भैया ।।
******
~राम नरेश 'उज्ज्वल'
उज्ज्वल सदन
मुंशी खेड़ा,(अपोजिट एस-169
ट्रांसपोर्ट नगर), एल.डी.ए. कालोनी,
लखनऊ-226012
मो: 07071793707
ईमेल : ujjwal226009@gmail.com

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




