बोली से मैं महकी हूँ
वाणी से मैं चहकी हूँ
गर्व से सर उठाती हूँ
हाँ मैं हिंदीभाषा की सरिता हूँ
गर सपना देखु तो अम्बर हूँ
रग-रगमें खून के क़तरेमे हूँ
हाँ मैं भाषा की महारथी हूँ
हाँ मैं हिंदी भारत की शान हूँ
युगो से सफ़र करू हूँ
हर जन-जन को भाति हूँ
भावोमें मधुरता रसमलाई हूँ
हाँ आदतों की आदत मैं राजदुलारी हूँ
साहित्यमें लफ्ज़ो का स्वाद हूँ
कोमल पुष्प-सा उपहार हूँ
मुबारक बादमें मिश्री-सा प्रसाद हूँ
शुभेच्छा की हक्कदार महारानी हूँ
थोड़ा-सा अफ़सोस करती हूँ
क्योकि जिह्वा होते हुए भी ख़ामोश हूँ
अपनोंमें एक सपना-सी हूँ
पर हाँ प्यार सभी को समान करती हूँ
हाँ मैं हिंदी भारत की 'शान' हूँ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




